माँ! मैं तुझ पर क्या लिखूँ?
✍मेरी कविता(स्वरचित)✍ ©सर्वाधिकार सुरक्षित
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तू अविरल गंगा धारा है,
तू कोमल पुष्प कमल है,
तू गीता और रामायण है,
तू वेदों की भाषा है ।
मां!मैं तुझ पर क्या लिखूं ?
तू मेरी मंदिर है,
तू ब्रह्मा, विष्णु, महेश है,
तू मेरी देवी है,
तू मेरी पूजा- अर्चना है।
माँ! मैं तुझ पर क्या लिखूं?
तू मेरी धड़कन है,
तू ममता की सागर है,
तू मेरी दुनिया है,
तू मेरी खुशियाँ है।
मां! मैं तुझ पर क्या लिखूं?
तू लोरी है ,
तू गीत-संगीत है,
तू कहानी है,
तू ही पूरी साहित्य नगरी है।
मां!मैं तुझ पर क्या लिखूं?
यह घर-बार तेरा है,
यह मेरा गांव-देश तो तेरा ही है,
और यह मेरी दुनिया?
यह दुनिया तो तेरी मुट्ठी में है मां।
अब बता मां !मैं तुझ पर क्या लिखूं?
साहित्यकार- रमेश पटेल ‘स्माइल’
अवधानपुर भोजेमऊ प्रतापगढ़(उ0 प्र0)
सम्पर्क सूत्र: 955985 9080