बिना लाइसेंस कट रहे हैं छोटे जानवर, प्रशासन मौन
रितेश यादव
कासिमाबाद तहसील क्षेत्र में अपने नीजी स्वार्थ के लिए बिना लाइसेंस का प्रत्येक बाजार मे धड़ल्ले से जानवर काटे जा रहे हैं मीट का धंधा करने वाले किसी भी व्यक्ति के पास सम्बन्धित लाइसेंस नहीं है इसके बावजूद भी वे गांव में जाकर छोटे बेजुबान पशुओं को खरीद कर उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में बांध कर लाते हैं तथा उन्हें काट कर ऊंचे दामों पर बेखौफ बेच रहे हैं और प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए तमाशा देख रहा है ।
एक तरफ सरकार बूचड़खानों को बन्द कर गौ हत्या एवं जनवरों को काटने पर पाबन्दी लगा रही है वहीं धंधा करने वालों पर इसका कोई असर नहीं है वे बेजुबान पशुओं को हलाल कर मनमाना रेट पर बेच रहे हैं। जबकि इनके पास इससे सम्बन्धित कोई लाइसेंस नहीं है। इससे बेजुबान पशुओं पर अत्याचार तो हो ही रहा है साथ में लोकतंत्र का भी हनन हो रहा है समाजसेवी प्रभाकर पाण्डेय ने बताया कि होली के पावन पर्व पर अन्य सामानों की अपेक्षा मीट की ज्यादा बिक्री होती है सबसे ज्यादा भीड़ इन्हीं के दुकानों पर लगती है लेकिन ये न तो सरकार को टैक्स देते हैं और न ही इनके पास लाइसेंस है उन्होंने बताया कि जिस मनुष्य को सभी प्रणियों मे अधिक ग्यानी माना गया है वही कुकृत्य मे फंस कर दिन पर दिन मांशाहारी होता जा रहा है। सभी जीव एक समान हैं इस कुकृत्य को रोकने के लिए प्रशासन के साथ साथ हमे भी आगे आना चाहिए।